Thursday, September 17, 2020

गर मुहब्बत न होती आपसे !

 क्यां करते गर मुहब्बत न होती आपसे

तरसते हुस्न की तारीफ को आपके...

                  गर मुहब्बत न होती आपसे !


न ढाया करो जुल्म इतना भी सनम हमपर

तड़प उठती सैकड़ो कश्मकशे यूंही

                 गर मुहब्बत न होती आपसे !


जान लेती है महक आपके खुले बालोंकी 

कसक दिल की दबा देते दिलही में 

                  गर मुहब्बत न होती आपसे !


इक बार मुसकुरा दो , चाहे होटोमेंही हो

यूँही कत्ल हो जाएंगे तीर-ए-नजरसे

                     

बस्स मुहब्बत जो है आपसे !


विशाल ... 

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